(1)
उत्तराखंड के सुंदर, हरे-भरे पहाड़ों का दृश्य।
गाँव की शांत वादियों में एक छोटी सी पगडंडी है, जिसके किनारे फलों के पेड़ हैं और रास्तों में चलते हुए झरने का धीमा-धीमा संगीत सुनाई देता है। पृष्ठभूमि में गाँव के छोटे-छोटे मिट्टी और पत्थर के बने घर दिखाई देते हैं। यही पर। एक वृद्ध महिला का छोटा सा घर है, जिसमें लकड़ी का दरवाज़ा और छत पर घास-फूस बिछा हुआ है। घर के बाहर चूल्हे पर चाय उबल रही हैं।
रवि, उत्साही व्लॉगर, कैमरा हाथ में लिए गाँव के अंदर आता है। वह चैनल के लिए नए वीडियो बनाने के लिए अक्सर नए नए कंटेंट के तलाश में रहता है। उसकी चाल में जोश है और चेहरा आत्मविश्वास से भरा है।
रवि: (कैमरे की ओर मुस्कुराते हुए अपने वीडियो के रिकॉर्डिंग शुरू करता है)
“नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका फिर से मेरे चैनल पर। आज हम आपको ले चलते हैं उत्तराखंड के एक और खूबसूरत गाँव की सैर पर। दोस्तों, यह गाँव सच में एक छिपा हुआ खजाना है। यहाँ की वादियाँ, यहाँ के लोग… और सबसे बढ़कर, यहाँ की शांति, सब कुछ आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। और देखिए, ये हैं हमारी प्यारी अम्मा!”
रवि अम्मा की ओर इशारा करता है, जो चूल्हे पर चाय बना रही हैं। अम्मा कैमरे की ओर देखती हैं और थोड़ी सकुचाई सी मुस्कुराती हैं। रवि उनके पास जाकर बैठ जाता है।
रवि:
“अम्मा, नमस्ते! आप यहाँ इतने सालों से रह रही हैं, अकेले कैसा लगता है?”
अम्मा: (मुस्कुराते हुए)
“अरे बेटा, हम तो यहीं के हैं, ये पहाड़, ये जंगल… सब अपने ही हैं। अकेलेपन की आदत हो गई है अब। बच्चे बाहर हैं, कभी-कभी आते हैं, बाकी हम और ये चूल्हा-बर्तन ही साथ देते हैं।”
रवि: (कैमरे की ओर देखकर)
“दोस्तों, देखिए, ये हैं हमारी अम्मा। उम्र भले ही बढ़ गई हो, पर दिल आज भी जवान है। और इनके चाय बनाने का तरीका, एकदम पहाड़ी स्टाइल में! अम्मा, ये चाय तो बहुत खास लग रही है, इसका राज़ क्या है?”
अम्मा: (हंसते हुए)
“राज़? बेटा, ये पहाड़ की मिट्टी और यहाँ की हवा ही ऐसी है, जो हर चीज़ को खास बना देती है।”
(रवि कैमरे से अम्मा की झोपड़ी और उनके आस-पास का पूरा दृश्य रिकॉर्ड करता है। वह झोपड़ी के अंदर की ओर भी नजर डालता है, जहाँ मिट्टी का आँगन, दीवारों पर लटकी पुरानी तस्वीरें और कोने में रखे बर्तन दिखते हैं।)
रवि:
“दोस्तों, ये देखिए, अम्मा का प्यारा सा घर! बहुत सुंदर, और पूरी तरह से पहाड़ी अंदाज़ में बना हुआ। और ये आँगन… कितनी सादगी, कितना अपनापन है यहाँ!”
अम्मा थोड़ी असहज हो जाती हैं, लेकिन फिर भी मुस्कुराती रहती हैं। इस बीच रवि अम्मा के घर के बारे में और भी जानकारी जुटाने की कोशिश करता है।
रवि:
“अम्मा, क्या आपको कभी डर नहीं लगता यहाँ अकेले? रात के समय, कोई परेशानी?”
अम्मा: (संजीदगी से)
“डर तो कभी-कभी लगता है बेटा, लेकिन क्या करें। यहाँ गाँव में सब एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं। हम अकेले नहीं होते, पहाड़ हमारा साथी है। और ये घर भी तो बहुत पुराना है, इसमें कई यादें बसी हैं।”
रवि: (थोड़ी चिंतित आवाज में, कैमरे की ओर)
“अम्मा बिल्कुल सही कह रही हैं। लेकिन फिर भी, दोस्तों, आप देख सकते हैं कि अम्मा यहाँ अकेली रहती हैं, और जिंदादिली से अपना जीवन गुजारतीं हैं।”
रवि:
“अम्मा, आपका कोई और खास सामान है इस घर में? कुछ पुरानी यादें?”
अम्मा: (सहानुभूतिपूर्वक)
“हां बेटा, कुछ पुराने जेवर हैं, जो तुम्हारे दादा-दादी ने दिए थे। अब तो वो ही बचा है। बच्चों के लिए संभाल के रखे हैं, पर कब लेने आएंगे, पता नहीं।”
रवि: (आश्चर्य से)
“अच्छा, वो तो बहुत कीमती होंगे?”
अम्मा:
“कीमत का क्या बेटा, वो तो बस यादें हैं, पुरखों की निशानी हैं।”
रवि ये सब बातें ध्यान से सुनता है, और फिर अम्मा से विदा लेता है।
रवि:
“अम्मा, मैं चलता हूँ। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद! और हाँ, इस चाय का स्वाद मैं हमेशा याद रखूंगा।”
अम्मा: (मुस्कुराते हुए)
“ठीक है बेटा, कभी भी आना।”
रवि कैमरा लेकर गाँव के बाकी हिस्सों में निकल जाता है। अम्मा एक बार उसकी तरफ देखती हैं, और फिर अपने चूल्हे की तरफ लौट आती हैं। लेकिन उनके चेहरे पर थोड़ी चिंता की रेखाएँ दिखने लगती हैं, मानो उन्हें कुछ अजीब सा एहसास हुआ हो।
(2)
रात का समय है। चारों ओर अंधेरा और सन्नाटा है। अम्मा के घर के पास कुछ संदिग्ध हलचल होती है। चोर गाँव में प्रवेश कर चुके हैं, और वे उन घरों को निशाना बना रहे हैं, जिनकी जानकारी उन्होंने रवि के व्लॉग से हासिल की थी।
चोर 1:
“यही वो घर है जहाँ कोई नहीं रहता। रवि के व्लॉग में साफ-साफ देखा था।”
चोर 2:
“हाँ, चलो जल्दी करो। अगले घर अम्मा का है, वहाँ भी कुछ कीमती सामान है।”
चोर 1:
“(हँसते हुए) उसके वीडियोज ने हमारा काम इतना आसान कर दिया है, गाँव में पहली बार आए है, लेकिन यहाँ के सारे रास्ते, घरों की जानकारी है।
दोनों चोर अम्मा के घर की तरफ बढ़ते हैं। वे खिड़की से अंदर झाँकते हैं। अम्मा सो रही हैं। चोर उन्हें बेहोशी का स्प्रे मारते हैं और घर में चोरी कर लेते हैं।
(3)
अगले दिन गाँव में हलचल मचती है। पुलिस गाँव में आई है और घर-घर जाकर पूछताछ कर रही है। अम्मा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस रवि से भी पूछताछ करने आती है।
पुलिस अधिकारी:
“आप रवि हैं? आप इस गाँव में व्लॉग बना रहे थे?”
रवि:
“जी सर, लेकिन मैंने कुछ गलत नहीं किया।”
पुलिस अधिकारी:
“आपके व्लॉग्स से गाँव की सारी जानकारी सार्वजनिक हो गई, और उसी का फायदा उठाकर चोरों ने यहाँ चोरी की। अम्मा बेहोश हो गईं और उनके सारे जेवर चोरी हो गए।”
चोर कौन थे, कहाँ से थे, चोरी के लिए उन्होंने कैसे पैतरे अपनाए, अपनी किस भूल से पकड़े गए, और पुलिस ने अपने किन किन रिसोर्सेस का सहारा लिया केस को सोल्व करने के लिए, इस पर चर्चा कर भविष्य के संभावित अपराधिओं के लिए ज्ञानकोष बनने की जरूरत नहीं समझते इसलिए, इस पर विस्तृत वर्णन नहीं।
रवि: (हैरान और दुखी)
“मैंने तो कभी ऐसा सोचा भी नहीं था। मेरा मकसद तो सिर्फ गाँव की सुंदरता और संस्कृति को दिखाना था।”
पुलिस अधिकारी:
“सोशल मीडिया पर अपनी और दूसरों की जानकारी साझा करने से पहले सोचें। आपकी एक छोटी सी गलती ने गाँव के लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया।”
रवि को अपनी गलती का एहसास होता है। वह बेहद दुखी और पछतावे से भरा हुआ है।
(4)
कुछ दिनों बाद, गाँव में सब कुछ सामान्य हो गया है। अम्मा ठीक हो गई हैं और वापस गाँव में आ गई हैं। रवि गाँव के लोगों से माफी मांगता है और उनसे वादा करता है कि वह अब से अपनी व्लॉगिंग में ध्यान रखेगा।
रवि:
“अम्मा, मुझे माफ कर दीजिए। मैंने आपकी सुरक्षा के बारे में नहीं सोचा। अब से मैं व्लॉग बनाते समय ध्यान रखूंगा कि किसी की निजता का उल्लंघन न हो।”
अम्मा: (मुस्कुराते हुए)
“बेटा, गलतियाँ इंसान से ही होती हैं। लेकिन अब तू समझ गया, यही सबसे बड़ी बात है।”
गाँव के लोग रवि की माफी स्वीकार कर लेते हैं, और रवि एक नई शुरुआत करने का संकल्प लेता है।
रवि: (कैमरे की ओर)
“दोस्तों, आज मैंने एक बड़ी सीख ली है। व्लॉगिंग करते समय हमारी जिम्मेदारी सिर्फ अच्छे वीडियो बनाने की नहीं है, बल्कि हमें दूसरों की निजता और सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। उम्मीद है, आप सब भी इससे सीखेंगे। आज के बाद में किसी दूसरे की जानकारी अनावश्यक रूप से वीडियो में नहीं दूँगा और शायद में व्लॉगिंग छोड़ कर किसी और रचनात्मक काम में अपनी ऊर्जा लगाऊँगा”